Short Stories in Hindi 2024

Short Moral Stories घर में छोटे-छोटे बच्चों को अक्सर उनकी मां कहानियॉं सुनाई करती हैं। हम लोग भी जब बच्चे थे। उस समय हमारे माता-पिता दादा-दादी होते थे। वह लोग अच्छी-अच्छी कहानियां सुनाया करते थे। आज भी बच्चे जब रात में सोने जाते हैं। उस समय वह अक्सर मां अच्छी-अच्छी कहानी सुनना पसंद करते हैं।

गांव में जब एक जगह पर अधिक संख्या में लोग उपस्थित होते हैं। वहां पर कथा कहानी मनोरंजन से जुड़े हुए चुटकुले सुनने को मिलता हैं। आज भी गांव या शहर हर जगह पर दादा-दादी, माता-पिता अपने बच्चों को प्रेरणादायक Short Stories स्टोरी सुनाते हैं।

इसीलिए इस लेख में हम कई शानदार, जानदार, मनमोहक, मनोरंजन कहानियों का पिटारा लेकर आए हैं। जिसमें कछुआ और खरगोश, सियार और ऊंट, नेवला और किसान के अलावा भी अनेक प्रेरणादायक Short Moral Stories स्टोरी पढ़ेंगे।

Short Moral Stories - कहानी

यह Hindi Stories बच्चों, बुजुर्ग, माता-पिता एवं हर उम्र के लोगों के लिए बहुत ही प्रेरणादायक है। जिससे हमारे जीवन में हर परिस्थिति को कैसे अच्छे तरह से व्यवस्थित किया जाता है। उसके बारे में हमें प्रेरणा प्राप्त होगी।

Short Stories in Hindi

कछुआ और खरगोश की कहानी – Stories of Tortoise & Rabbit

एक बार कछुआ और खरगोश के बीच दौड़ का आयोजन हुआ। दोनों में एक जगह पर सबसे पहले पहुंचने को लेकर शर्त लगाई गई। इसके बाद कछुआ और खरगोश उस दौड़ में भाग लिए। दोनों ने उस दौड़ में अपने आप को आगे रखने का प्रयास करने लगे। 

कछुआ समान्यत: बहुत ही धीरे-धीरे चलता है। जबकि खरगोश बहुत ही तेज चलता है। कुछ देर चलने के बाद खरगोश ने सोचा कि हम थोड़ा आराम कर लेते हैं। वह आराम करने लगा। जबकि कछुआ निरंतर धीरे-धीरे चलते रहा। कुछ देर आराम करने के बाद खरगोश को यह आभास हुआ कि कछुआ बहुत आगे निकल गया है।

अब खरगोश ने बहुत ही तेज गति से चलना शुरू किया। लेकिन कछुआ धीरे-धीरे बिना रूके चलकर ही अपने मंजिल के नजदीक पहुंच गया था। इसके बाद चाह कर भी खरगोश सबसे पहले नहीं पहुंच पाया। क्योंकि कछुआ धीरे-धीरे चलकर ही सबसे पहले पहुंच चुका था।

tortoise & rabbit

इसीलिए इस कहानी से यह सीख मिलती है कि हमें अपने जीवन में भी निरंतर चलते रहना चाहिए। कभी भी हमें अपने आप पर घमंड नहीं करना चाहिए कि हम बहुत ज्यादा तेज हैं। कभी-कभी ज्यादा ओवर कॉन्फिडेंस से आदमी हार जाता है।

एक था घमंडी व्यक्ति – A Stories of Arrogant Man

एक घमंडी व्यक्ति था। जिसको लगता था कि हम जो चाहेंगे वही करेंगे। हम जो कहते हैं। वही सही है। हम सबसे ज्यादा शक्तिशाली हैं। दुनिया में सबसे ज्यादा धनी भी हम ही हैं। यह सोचकर वह अपने घमंड में चूर रहता था। समय की मार ऐसी होती है। जिससे कोई भी बच नहीं सकता है। धीरे-धीरे समय बिता गया कुछ दिनों के बाद उस घमंडी व्यक्ति का शादी हुआ। 

शादी के बाद उसकी पत्नी उसके घर आई। अब वह अपने पत्नी से भी तुलना की दृष्टि से अपने विचारों को प्रकट करने लगा। धीरे-धीरे कुछ दिन बीतने के बाद दोनों में बहुत ज्यादा लड़ाई शुरू हुआ। आपस में उन दोनों का तलाक तक नौबत पहुंच गई। 

A arrogant man

वह घमंडी व्यक्ति कोर्ट के चक्कर काटना शुरू कर चुका था। बार-बार कोर्ट में जाना उसको अच्छा नहीं लगता था। लेकिन उसकी पत्नी ने उस पर दहेज प्रताड़ना से लेकर कई प्रकार के आरोप लगाए थे। इसके बाद धीरे-धीरे वह अंदर से टूटने लगा।

कुछ दिनों तक कोर्ट में केस चलने के बाद वह हार गया। इसके बाद उसकी पत्नि ने उससे तलाक ले लिया। उसके बाद भी कोर्ट का ऑर्डर उसके विपरीत आया। कोर्ट न्यायाधीश ने ऑर्डर दिया कि तुम्‍हारे पास जितनी भी संपत्ति है। उसका आधा संपत्ति तुम्हें अपने पत्नी को देना होगा।  एलिमनी के रूप में। यह सुनकर के उसका होश उड़ गया।

वह अपने जीवन में सबसे कठिन दौर को देखकर के बहुत दुखी हुआ। अब उसको एहसास हो चुका था कि हमारा घमंड हमारी पत्नी ने हीं चूर-चूर कर दिया।

यह कहानी हमें बतती है कि हमें ज्‍यादा घमंड नहीं करना चाहिए। नहीं तो समय बहुत बलवान होता है जिसके मार में आवाज भी नहीं होता।

किसान और नेवला

nevala

एक गांव में एक किसान और उसकी पत्नी रहते थे। उनका एक छोटा लड़का भी था। किसान दंपति ने एक नेवले को पाल रखा था। वह सभी लोग उस नेवले को बहुत प्यार करते थे। एक दिन किसान और उसकी पत्नी खेत पर किसी काम से गए। उन्होंने नेवले से अपने बच्चे का देखभाल करने के लिए कहा। 

इस दौरान बच्चा जब अपने घर में खेल रहा था। तभी बाहर से एक सांप आ गया। नेवले ने जब सांप को देखा तो उसके साथ बहुत लड़ाई करके सांप को मार दिया। जब किसान और उसकी पत्नी घर वापस लौटे। उस समय उन्होंने नेवले के मुंह में खून लगा हुआ देखा।

जिससे उन्होंने अंदाजा लगा लिया कि नेवले ने उनके बच्चे को मार दिया है। फिर उन्होंने आव देखा न ताव डंडा उठाकर नेवले को पीट-पीट कर मार दिया। 

जब वेलोग अंदर गए, तो देखा कि बच्चा आराम से सो रहा है। वहीं एक बहुत ही बड़ा सांप मरा हुआ पड़ा था। यह दृश्य देखकर उन लोगों को अपने आप पर पश्चात होने लगा।

इस दृश्य को देखने के बाद उन्हें सारी सच्चाई समझ में आ गई। लेकिन अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत। उन्होंने बिना जांच पड़ताल किए, बिना किसी बात को समझे नेवले को मार दिया।

इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि किसी भी निर्णय लेने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच पड़ताल कर ले।

हाथी और बंदर

Elephant & monkey

एक जंगल में हाथी और बंदर रहते थे। बंदर आम के पेड़ के ऊपर रहता था। और हाथी जंगल में घूमता था। बंदर पेड़ की टहनीयों पर उछल कूद करता रहता था। कभी पतों में छूप कर सो जाता। एक दिन एक हाथी घुमते हुए वहां आया। हाथी ने बताया कि मेरा कोई दोस्‍त नहीं हैं। उसके बाद दोनों बहुत ही अच्छे मित्र बन गए।

दोनों एक साथ घुमते, खेलते और मौज मस्‍ती करते। बंदर पेड़ पर से फल तोड़कर हाथी को खिलाता। हाथी भी कही कही से भोजन लेकर आता और बंदर को देता।

एक बार जंगल बहुत ही भयानक तूफान आया। जिसमें सभी पेड़ नीचे गिर गए। जंगल में पानी भर गया। चारों ओर सबकुछ तबाह हो गया। आम का पेड़ भी टूटकर पानी में गिर गया। 

उस समय बंदर पेड़ पर सो रहा था। जिससे वह पानी में डूबने लगा। बंदर को तैरना नहीं आता था। जब इस दृश्य को हाथी ने देखा। उसी समय वह दौड़कर बंदर को बचाने चला गया। उसने पानी में जाकर अपने बंदर दोस्त को बचा लिया। इससे यह सीख मिलती हैं कि मुसिबत में फसे दोस्‍त को बचाना चाहिए।

बंदर और मगरमच्छ की कहानी

Monkey & rabbit

एक जंगल में नदी किनारे जामुन का पेड़ था। उस पर एक बंदर रहा करता था। बंदर उस पेड़ पर से मीठे-मीठे फल तोड़कर खाता था। पूरे जंगल में उछल कूद और मौज मस्ती के साथ घूमता रहता। एक दिन नदी किनारे एक मगरमच्छ आया। मगरमच्छ ने बंदर को मीठे फल खाते हुए देखा। उस मगरमच्छ को भी बहुत ही भूख लगा था।

क्योंकि कई दिनों से उसे खाना नहीं मिल पाया था। इसलिए उसने बंदर से मीठे फल खाने के लिए मांगा। फिर बंदर ने उस पेड़ से अच्‍छे अच्‍छे फल तोड़कर मगरमच्छ को दे दिया। इस तरह मगरमच्छ और बंदर में दोस्ती हो गई। हर रोज मगरमच्छ नदी के किनारे आता था। बंदर से फल मांगता था। फिर बंदर जंगल में हर पेड़ पर कूद-कूद कर फल तोड़कर मगरमच्छ को देता। 

इसी तरह बहुत दिन बीत जाने के बाद एक दिन मगरमच्छ अपने घर गया। उसका घर नदी के उस पार था। वहां पर उसकी पत्नी रहती थी। मगरमच्छ उसने अपनी पत्नी को मीठे-मीठे फल और बंदर की बात बताई। फिर उसकी पत्नी ने कहा कि मेरे लिए भी फल लेकर आना। दूसरे दिन जब मगरमच्छ बंदर से फल मांगने गया, तो उसने अपनी पत्नी के लिए भी मांग लिया। 

फिर लेकर वह अपनी पत्नी के पास गया। जब मगरमच्छी ने वह फल खाया, तो बहुत खुश हुई। फिर उसने सोचा कि जब यह फल इतना मीठा है, तो फल देने वाला का कलेजा कितना मीठा होगा। उसी समय उसने अपने पति से बंदर का कलेजा लेकर आने के लिए कहा।

Monkey & Crocodile Stories

मगरमच्छ ने अपनी पत्नी को बहुत समझाया। लेकिन वह नहीं मानी। विवश वह बंदर के पास गया। उसने बंदर से कहा कि मेरे घर पर मेरी पत्नी ने तुम्हें दावत पर बुलाया है। 

बंदर चलने के लिए तैयार हो गया। मगरमच्छ ने अपने पीठ पर बंदर को बैठाकर लेकर चल दिया। जब नदी के बीच में वह दोनों गए। तब मगरमच्छ ने कहा कि मेरी पत्नी ने तुम्हारा कलेजा खाने के लिए मांगा है।

यह सुनकर बंदर सन्न रह गया। तब उसने उस मुसीबत से निकलने की रास्ता सोचनी शुरू कर दी। उसे एक बहुत ही बेहतरीन तरकीब सूझी। उसने मगरमच्छ से कहा कि अरे मैंने तो अपना कलेजा उस पेड़ पर रख दिया है। 

तब मगरमच्छ ने कहा कि ठीक है। चलो वहां से लेकर तुम्हारा कलेजा आते हैं। फिर वह दोनों नदी किनारे पेड़ के पास पहुंचे। तभी बंदर झपटकर पेड़ के ऊपर चढ़ गया। फिर उसने कहा कि अरे मूर्ख कोई अपना कलेजा पेड़ पर निकाल कर रखता है।

जाकर अपनी पत्नी से कहना कि तुमसे बड़ा महामूर्ख कोई नहीं है। यह सुनकर मगरमच्छ एकदम अफसोस करने लगा। अपने आप पर शर्मिंदा हो गया। इस कहानी से हमें यह ज्ञान मिलता है, कि किसी भी मुसीबत में अगर हम फंसे हैं। फिर मुसीबत से निकलने के लिए बहुत ही सूझबूझ से रास्ता सोचना चाहिए।

ऊंट और सियार की कहानी

siyar aur camel

किसी जंगल में एक सियार और ऊंट रहा करते थे। दोनों बहुत ही अच्छे मित्र थे। कहीं भी खाना खाने के लिए दोनों साथ-साथ जाते। एक दिन सियार ने ऊंट को एक बात बताई। उसने बताया कि नदी उस पार हरे भरे खेत है। खेत में तरबूज, ककड़ी, खरबूजा आदि खाने योग्य भोजन है। दूसरे दिन दोनों मिलकर खेत में गए।

रात का समय होने पर खेत का मालिक भी अपनी झोपड़ी में जाकर सो गया था। इसलिए सियार और ऊंट दोनों चुपके-चुपके खेत में भोजन करने गए। सियार तो छोटा जानवर होता है। थोड़े ही देर में उसका पेट भर गया। लेकिन ऊंट का अभी पेट नहीं भरा था। वह अभी खाना शुरू ही किया था। 

सियार खाने के बाद बोलने लगा कि अब मेरा पेट भर गया है। अब मुझे डकार आने लगा है। लेकिन ऊंट ने बहुत मना किया बोला कि अगर खेत का मालिक सुन लेगा, तो हमें मरने लगेगा। इसलिए तुम थोड़ी देर के लिए रुक जाओ। मुझे भी भोजन कर लेने दो। फिर हम दोनों एक साथ यहां से चलेंगे। 

Camel & Jackel Stories

लेकिन सियार नहीं माना। वह “हुआ हुआ” करके चिल्लाने लगा। यह आवाज सुनकर खेत का मालिक जग गया। उसने डंडा से सियार और ऊंट को बहुत मारा। दोनों किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से बाहर भागे। फिर अपने घर पर जाने के लिए उन्हें नदी पार करना पड़ा।

नदी पार करते समय ऊंट के पीठ पर सियार बैठ गया। जब वह दोनों नदी के बीच में गए। तब ऊंट ने कहा कि अब मुझे नहाने का मन कर रहा है। 

तब सियार ने बोला कि नहीं इस पानी में मैं बह जाऊंगा। इसलिए तुम थोड़े देर के लिए रुक जाओ। मुझे किनारे तक छोड़ दो। उसके बाद पानी में तुम नहा लेना। लेकिन ऊंट ने एक भी बात नहीं मानी और पानी में वह बैठकर नहाने लगा। जिससे सियार पानी के तेज बहाव में बह गया।

दो दोस्त की कहानी

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एक गांव में दो दोस्त रहते थे। एक का नाम रमेश और दूसरे का नाम मोहन था। दोनों एक दूसरे से बहुत ही प्यार करते थे। रमेश ने मोहन को कुछ पैसे उधार दिया था। बहुत समय बीत जाने के बाद भी उसने पैसे वापस नहीं किए।

एक दिन रमेश ने मोहन को बताया कि मैंने आज रात में एक सपना देखा। सपनें में मैंने देखा कि तुमने जो पैसा कर्जा लिया था। वह मुझे वापस कर दिया। इस तरह जब दूसरे दिन रमेश मोहन के घर पैसे वापस लेने के लिए गया, तो मोहन ने कहा कि वह पैसे तो मैं तुम्हें दे दिया है। 

तब रमेश बोला कि वह पैसे तुमने मुझे कब दिया। फिर मोहन ने कहा कि तुम ही तो कल बता रहे थे कि मैं वह पैसे दे दिए, तो बोला कि हां वह तो पैसे तुमने सपने में दिया था। मोहन बोला कि दिया था न तुम्हें वह पैसे। तब रमेश ने कहा कि हां। इस तरह मोहन ने अपनी बात मनवा ली कि उसने रमेश को पैसे दे दी है। इस बात से रमेश बहुत आहत हुआ और उसने मोहन से बदला लेने की बात सोची।

एक दिन दोनों में शर्त लगी। शर्त के अनुसार एक दूसरे के घर जाकर दावत खाना था। जब तक पेट नहीं भर जाता है। तब तक दावत चलती रहेगी। दोनों ने इस शर्त पर हामी भर दी। 

फिर शर्त के लिए एक दिन और समय दोनों ने मिलकर तय किया। उस दिन वह दोनों एक दूसरे के घर दावत रखने के लिए समय निश्चित किया। पहले मोहन के घर रमेश दावत खाने के लिए गया। मोहन की पत्नी ने कई प्रकार के तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनाए थे।

Friends Stories 

मोहन ने बहुत ही प्यार से अपने दोस्त को हर एक व्यंजन परोसा। फिर रमेश ने बहुत ही चाव से सभी स्वादिष्ट व्यंजन खाए। तब तक वह खाना खाता रहा। जब तक कि उसे डकार नहीं आ गया। इस तरह उसने मोहन के घर पर जितना भी स्वादिष्ट भोजन बना था। सभी चट कर गया।

दूसरे दिन रमेश के घर मोहन दावत के लिए गया। रमेश ने भी अपनी पत्नी से अलग-अलग स्वादिष्ट व्यंजन बनवाए थे। सभी व्यंजन उसने मोहन के आगे परोस कर रख दिया। लेकिन उसने भोजन करने से पहले खेत में गान्ना चूसने के लिए कहा। ‌

मोहन खेत पर जाकर गान्ना चूसने के लिए तैयार हो गया। खेत पर मोहन ने बहुत सारे गान्ने चुस लिए।

जिससे उसे डकार आ गया। शर्त के अनुसार उसका दावत खत्म हो गया। क्योंकि शर्त में यही था कि जब तक पेट भर न जाए, डकार आ न जाए। तब तक दावत खत्म नहीं होगा। इस तरह इतना सारा व्‍यंजन होते हुए भी उसे कुछ भी खाने को नहीं मिला। इस कहानी से यह सिख मिलता है कि किसी के भी साथ धोखा नहीं करना चाहिए।

धोबी और गधा की कहानी

Washerman & ass stories

एक गांव में एक धोबी रहता था। उसके पास एक गधा भी था। वह अपने गधे के पीठ पर सामान रखकर शहर में हर रोज बचने के लिए जाता था। शहर जाने के रास्ते बीच में एक नदी पड़ती थी। इसलिए हर रोज नदी को पार करके शहर जाना पड़ता। हर रोज वह भी नमक का बोड़ी गधे पर रखकर लेकर जाता था। 

नमक बहुत ही भारी होता था। इसलिए गधा बहुत जल्दी थक जाता था। वैसे वह गधा बहुत ही आलसी था। वह मेहनत नहीं करना चाहता। इसलिए एक दिन जब वह नमक लेकर जा रहा था। जब वह नदी के बीच में पहुंचा तब गधा का पैर फिसल गया। जिससे वह पानी में बैठ गया। इस वजह से नमक पानी में घूल गया।

जिससे नमक का वजन कम हो गया। इस बात से गधे के मन में एक उपाय सूझा। अब वह हर रोज जब भी शहर नमक लेकर जाता। तब पानी में किसी न किसी बहाने बैठ जाता। जिससे उसका वजन कम हो जाता। फिर आसानी से वह शहर बाजार में चला जाता।

Washerman Stories

धोबी हर रोज बाजार में जाता तो उसके सामान का वजन कम ही रहता। जिससे उसे हर रोज आमदनी कम होने लगा। वह सोच में पड़ गया कि आखिर वह घर से ज्यादा वजन लेकर जाता है। बाजार में काम कैसे हो जाता है। 

इस तरह एक दिन उसने गधे पर नजर रखनी शुरू की। जब वह पानी में गया, तो उसने देखा कि गधा पानी में बैठ गया। जिससे नमक का वजन कम हो गया। तब धोबी को सारी बात समझ में आ गई। दूसरे दिन वह रूई का बोड़ा लेकर शहर बेचने गया।

लेकिन गधे को तो रोज का आदत था। वह पानी में जब गया तो बैठ गया। इस तरह रूई में जब पानी गया, तो वह और भी ज्यादा वजनदार हो गया। जिससे अब गधे को चलने में और भी दिक्कत होने लगा। 

क्योंकि पहले से उसका वजन ज्यादा बढ़ गया था। इसके बाद उसने पानी में बैठना छोड़ दिया। उसे इस बात से सीख मिल गई कि कभी भी आलस नहीं करना चाहिए। अपने काम को ईमानदारी और बहुत ही दिल से करना आवश्यक है।

दीपू और उसकी टीचर की कहानी

एक स्कूल में बहुत सारे छात्र पढ़ते थे। वहां एक दीपू नाम का लड़का भी पढ़ता था। वह हमेशा कोने में दूबक कर बैठा रहता। उसके कपड़े भी बहुत ही गंदे होते थे। पढ़ाई में भी वह हमेशा पीछे रहता। हमेशा एकदम चुपचाप बैठा रहता। उस क्लास में एक टीचर पढ़ती थी।

जिनका नाम स्वाति था। स्वाति मैम हर रोज उस लड़के को देखती। सभी बच्चे दीपू का मजाक उड़ाते रहते। स्वाति मैम भी धीरे-धीरे दीपू से नफरत करने लगी। हर रोज उसे डांटती पढ़ने के लिए बोलती। लेकिन वह कुछ नहीं बोलता। 

वैसे ही चुपचाप बैठा रहता था। इसी तरह जब उसका एग्जाम हुआ, रिजल्ट आया। सभी बच्चों का नंबर अच्छा आया। लेकिन दीपू का नंबर अच्छा नहीं आया था। जब कॉपी चेक हो रहा था। उस समय सभी मैम और टीचर कॉपी चेक कर रहे थे। 

उसी में एक अनु मैम थी। उन्होंने जब दीपू का कॉपी देखा, तो आवाक रह गई। वह बोली कि यह लड़का तो पढ़ने में बहुत अच्छा था। इसका नंबर खराब क्यों आने लगा। इस पर स्वाति मैम ने कहा कि यह तो कभी पढ़ाई नहीं करता है, तो इसका रिजल्ट तो खराब आएगा ही। यह तो मैं पहले से ही जानती थी।

तब अनु मैम ने बताया कि वह अपने स्कूल का सबसे टॉपर स्टूडेंट था। पिछले सभी रिकॉर्ड उन्होंने स्वाति को दिखाया। यह देखकर स्वाति बहुत आश्चर्यचकित हो गई। फिर जब वह दूसरे दिन क्लास में गई, तो दीपू से बहुत अच्छे से बात किया। उससे बहुत ही प्यार से पूछा कि आखिर क्या बात है। बहुत पूछने पर दीपू ने बताया कि उसकी मां का देहांत हो गया। 

Deepu Stories

इस वजह से उसके पिताजी उसके ऊपर ध्यान नहीं दे पाते हैं। इसीलिए उसका कपड़ा गंदा रहता है। मां के जाने के बाद पढ़ाई करने का भी मन नहीं करता। यह सुनकर स्वाति मैम को अपने आप पर बहुत शर्मिंदा होने लगा।

उसके बाद वह दीपू से बहुत प्यार करने लगी। धीरे-धीरे पढ़ाई के तरफ उसे उत्साहित करने लगी। दीपू भी धीरे-धीरे पढ़ाई में उत्साहित होनेकर पढ़ने लगा। अपने कपड़ों को खुद साफ करने लगा। हर रोज साफ कपड़ा पहन कर आने लगा। स्कूल में भी सभी बच्चों से आगे निकल गया।

इस तरह जब अगले साल का एग्जाम हुआ। उसमें दीपू सब बच्चों से टॉप आया। कुछ साल स्वाति मैम का ट्रांसफर दूसरे जगह हो गया। सभी बच्चे उन्हें गिफ्ट दे रहे थे। तभी दीपू भी अपने घर से एक उपहार लेकर आया। एक कागज में कुछ लपेटकर लाया था। 

सभी बच्चे देखकर हंसने लगे, लेकिन मैम उसे बहुत ही प्यार से ले ली। जब उन्होंने उस कागज को खोल, तो उसमें एक पुराना कंगन था। दीपू ने बताया कि यह कंगन मेरी मां का है। मैं चाहता हूं कि आप इसे पहनें। क्योंकि आप मेरी मां जैसी ही है। यह सुनकर स्वाति मैम बहुत खुश हुई और उस कंगन को उन्होंने पहन लिया।

फिर वह दूसरे जगह चली गई। फिर बहुत सालों के बाद एक दिन जहां स्वाति मैम पढ़ाती थी। वहां पर एक गाड़ी आकर रुकी। पूरा स्कूल में हंगामा हो गया कि कलेक्टर साहब आए हैं। 

Deepu and His Mam

सभी लोग स्कूल में सब चीज व्यवस्थित करने में लग गए। गाड़ी से दो गार्ड उतरे और उन्होंने गाड़ी का दरवाजा खोला। उसमें से एक बहुत ही लंबे चौड़े कलेक्टर निकले। वह क्लास में आए। आकर स्वाति मैम का पैर छू लिया।

यह देखकर वह बहुत ही आश्चर्यचकित हो गई। तब उस लड़के ने कहा कि मैं दीपू हूं। आपने मुझे पहचाना नहीं। यह देखकर वह बहुत खुश हुई और उसे गले लगा लिया। 

फिर दीपू ने देखा कि स्वाति मैंमै अभी भी वह कंगन पहनी हुई है। इस तरह जब भी दीपू का छुट्टी होता है या स्वाति मैंम का छुट्टी होता तो दोनों एक दूसरे से मिलने जरूर जाते। इस कहानी से सिख मिलता है कि अगर किसी बच्चे को प्रेरणा दिया जाए, तो वह अपने मंजिल तक बहुत ही जल्द और आसानी से पहुंच सकता है।

सारांश

छोटी-छोटी Stories हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हम Short Motivational Stories सुनकर छोटे से बड़े होते हैं। उन कहानियों से हमारे जीवन में कई तरह के बदलाव होते हैं। मनुष्य की बचपन से लेकर बुढ़ापे तक की पूरी कहानी भी इन छोटे-छोटे स्टोरी से सीखने को मिलता है। आशा करते हैं कि इस लेख में दी गई शॉर्ट स्टोरी आपको जरूर पसंद आया होगा।

सवाल जवाब

Q1. शॉर्ट स्टोरी कैसे लिखें

Ans. जीवन के हर मोड़ पर घट रही घटनाओं को एक Stories का रूप दिया जा सकता है। जिससे हमारे प्रैक्टिकल जीवन की गाथाएं लिखी जा सकती है।

Q2. बच्चों को कौन सी कहानी सुनाएं

Ans. एक था घमंडी व्यक्ति का सच कैसा हो सकता है। यह Stories बच्चों के लिए उपयुक्त हो सकती है।

Q3. कहानी में क्या आता है

Ans. रोचक जानकारी, ईमानदारी, संशय, सरोकार, सामंजस्य, मानवता, वक्ता, श्रोता, चरित्र इत्यादि।

Q4. कहानी हमें क्यों अच्छी लगती है

Ans. क्योंकि उसके अंदर कई रहस्य छुपे हुए रहते हैं। किसी भी वस्तु, व्यक्ति, जीव, जानवर पर लिखे गए Stories मनोरंजन से भरा हुआ होता है। जिसको बार-बार सुनने का मन करता है।

Q5. आप 100 शब्दों में कहानी कैसे लिखते हैं

Ans. प्रैक्टिकल लाइफ में घटित कोई भी छोटी घटनाओं को 100 शब्दों में Stories का रूप दिया जा सकता है। जो चुटकुला से भरा हुआ होना चाहिए। जिसको सुनकर आनंद महसूस किया जाता हो।

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