नेटवर्क सुविधा को देने वाला सेवा को इंटरनेट नाम से जाना जाता है। बहु राष्ट्रीय स्तर पर नेटवर्क सुविधा द्वारा फैसिलिटी की सेवा उपलब्ध करवाने वाले शब्द का नाम इंटरनेट है। वैसे यह एक नाम है जिसका काम दुनिया में नेटवर्किंग सेवा प्रदान करना है। दुनिया में सूचना प्रसारण एक दूसरे देश से बातचीत की सेवा देने वाले नेटवर्क सुविधा का नाम ही इंटरनेट है।
Network – दो शब्द से मिलकर बना हैं, नेटवर्क शब्द का उत्पत्ति नेट प्लस वर्क से हुआ हैं जो कि हर समय आपस में दुनिया के सारे नेटवर्क कनेक्टेड रहता हैंं उसे ही नेटवर्क कहते हैं। नेटवर्क का पूरा मतलब इंटरनेट से ही है क्योंकि यह भी नेटवर्क से ही काम करता हैं।
इंटरनेट का मतलब जाल होता है। क्योंकि अंतरजाल द्वारा ही आपस में नेटवर्क एक दूसरे साथ कनेक्ट होते हैं। इसीलिए इसको एक जाल नाम से भी जाना जाता हैं। इंटरनेट का मतलब होता हैं इंटर प्लस नेट होता है। जिसका अर्थ हर समय जो नेटवर्किंग सेवा का इंट्री करता हैं उसे ही इंटरनेट कहते हैं।
अंतरजाल द्वारा दुनिया के सारे कंप्यूटर आपस में जुड़े हुए रहते हैं जिसके कारण दुनिया में डाटा का आदान-प्रदान एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर पर आसानी से होता हैं। यह एक ग्लोबल नेटवर्किंग सेवा भी हैं जो कि पूरे दुनिया में इंटरनेट की सेवा उपलब्ध कराता हैं।
Internet को हिंदी में अंतरजाल भी कहते हैं। इंटरनेट को नेट नाम से भी जाना जाता हैं। इंटरनेट को नेटवर्क इत्यादि नाम से भी संबोधित करते हैं।
Internet Kya hai
इंटरनेट एक अंग्रेजी शब्द है जिसको इंटरकनेक्टेड शब्द से लिया गया है जिसका मतलब होता है आपस में जो कनेक्टेड रहता है उसे इंटरनेट कहते हैं। इंटरकनेक्टेड का मतलब होता है कि आपस में जुड़ा हुआ रहना। अंतरजाल भी इसी तरह से आपस में एक दूसरे कंप्यूटरों और नेटवर्क के साथ जुड़ा हुआ रहता हैं।
इंटरनेट का फुल फॉर्म इंटरकनेक्टेड नेटवर्क होता हैं। यह एक ऐसा अंतरजाल सेवा हैं जिसके कारण आज एक दूसरे के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग, ऑडियो कॉल, इंस्टेंट टेक्स्ट मैसेजिंग सेवा बहुत ही आसान हो गया हैं।
वे सभी आईपी इंटरनेट प्रोटोकोल लिंक द्वारा जुड़े हुए रहते हैं. टीसीपी आईपी को उपयोग करने वाले जो इंटरकनेक्टेड कंप्यूटर होंंंगे वे सभी विश्व के वैश्विक नेटवर्क प्रणाली से जुड़े हुए रहते हैं.
इस प्रणाली द्वारा दुनिया में जितने भी व्यवसायिक वैश्विक शैक्षणिक निजी या सार्वजनिक नेटवर्क होते हैं वे सभी इलेक्ट्रॉनिक्स वाले ऑप्टिकल नेटवर्किंग द्वारा जुड़े हुए रहते हैं. इसमें सरकारी भी जितने नेटवर्क होते हैं वह भी शामिल रहते हैं.
सभी प्रकार की सूचनाओं संसाधनों का इंटरनेट एक वृहत श्रृंखला, एक अंतरजाल है जो एक दूसरे के साथ इंटरलिंकिंग किया हुआ रहता है जिसको हाइपरटेक्स्ट लिंक के साथ-साथ वर्ल्ड वाइड वेब के तहत जुड़ा हुआ रहता हैं.
यह एक जाल हैं जिसके द्वारा दुनिया का हर व्यक्ति ऑनलाइन एक दूसरे के साथ जुड़ा हुआ हैं जहां तक अंतरजाल की बात कि जाए तो इंटरनेट का कार्य प्रणाली जब एक कंप्यूटर दूसरे कंप्यूटर या और भी कंप्यूटर के साथ जुड़ेंगा, तो कंप्यूटर सिस्टम में नेटवर्क का प्रक्रिया शुरू हो जाएगा. जिसके माध्यम से एक जगह से दूसरे जगह का डाटा ट्रांसफर बहुत ही आसानी से हो पाएगा. यहां इस तरफ से इंटरनेट कार्य प्रणाली telecom नेटवर्किंग द्वारा संचालित होगा.
इंटरनेट की परिभाषा
इंटरनेट का मतलब नेटवर्क होता है और नेटवर्क से ही अंतरजाल चलता है नेटवर्क सिस्टम पूरे दुनिया में ग्लोबल सिस्टम के तहत काम करता है जिसको ग्लोबल वाइड एरिया नेटवर्क कहते हैं इस नेटवर्क के तहत दुनिया भर के जितने भी कंप्यूटर सिस्टम हैं.
वे सभी आपस में कनेक्ट हो जाते हैं इस सिस्टम के तहत हाई बैंडविथ डाटा लाइंस होते हैं जो इंटरनेट का रीढ़ कहे जाते हैं. जब इसके माध्यम से डाटा एक लोकेशन से दूसरे जगह ट्रांसफर होते हैं उस समय उस डाटा को लोकेशन के हिसाब से डिसट्रीब्यूट किया जाता हैं उसके लिए अंतरजाल सर्विस प्रोवाइडर के तहत इसको किया जाता हैं.
किसी भी कंप्यूटर को अंतरजाल से कनेक्ट करने के लिए इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर द्वारा नेटवर्क सिस्टम को कनेक्ट किया जाता है इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड करने के लिए ब्रॉडबैंड सर्विस या केवल सर्विस या और भी अन्य जो इंटरनेट सर्विस की सेवाएं हैं उसके द्वारा इसको कनेक्ट किया जाता हैं.
इंटरनेट का इतिहास
सबसे पहले जब इंटरनेट नहीं था उस समय संयुक्त राज्य द्वारा आपस में कुछ कंप्यूटरों को वायर द्वारा जोड़ा गया जिससे एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डाटा को ट्रांसफर किया जा सके.
इसी तरह से 1960 के दशक में इंटरनेट नेटवर्क की कल्पना की गई इसका शुरुआत संयुक्त राज्य के संघीय सरकार द्वारा नेटवर्क प्रणाली को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर द्वारा विकसित करके इसको एक मजबूत नेटवर्क के रूप में शुरू किया गया. उस समय जब एक कंप्यूटर दूसरे कंप्यूटर तीसरे कंप्यूटर के साथ जुड़ते थे.
तब एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डाटा आसानी से ट्रांसफर हो जाता था धीरे-धीरे इसी तरह और भी कंप्यूटरों को नेटवर्क सिस्टम] इंटरनेट सिस्टम के साथ उस को जोड़ा गया और धीरे-धीरे 1990 दशक में वाणिज्यिक नेटवर्क के रूप में उद्योगों, उद्यमों को जोड़ने के लिए आधुनिक नेटवर्क इंटरनेट पर काम करने की शुरुआत की गई.
और इसे तेजी से आगे बढ़ाते हुए जितने भी संस्था थे और जो पर्सनल व्यक्तिगत मोबाइल कंप्यूटर से नेटवर्क जुड़े हुए थे उसको 2000 दशक तक सेवाओं को सूचना एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में रोजमर्रा कामों के लिए शामिल कर लिया गया.
इंटरनेट का कार्य प्रणाली
इंटरनेट पूरी तरह से नेटवर्क सिस्टम पर ही काम करता है और सबसे पहले जब एक दूसरे कंप्यूटर को वायर के थ्रू जोड़ा गया उसके बाद से नेटवर्क सिस्टम को मजबूत करने नेटवर्क सिस्टम को बनाने नेटवर्किंग को मजबूत करने के लिए यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका एवं यूनाइटेड किंगडम फ्रांस में स्थित बहुत सारे कंप्यूटर साइंस के लैबोरेट्रीज में इसका अनुसंधान किया गया.
जैसा कि ऊपर हमने बताया है कि 1960 दशक में कंप्यूटर लैबोरेट्रीज जिसको एडवांस रिसर्च प्रोजेक्ट जेंसी नेटवर्क द्वारा ARPANET को नेटवर्क क्षेत्र में बेहतरीन काम करने के लिए सम्मानित किया गया.
ARPANET द्वारा इंटरनेट द्वारा वर्ष 1969 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस प्रोफेसर Leonard kleinrock’s ने पहला संदेश स्टैनफोर्ड रिसर्च इंस्टीट्यूट को भेजा था.
जिसके बाद वर्ष 1969 में अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा इंटरनेट की शुरुआत की गई. उन्होंने अल्फानेट नामक एक राष्ट्रीय कंप्यूटर सिस्टम को डेवलप किया जो कि एक नेटवर्क के रूप में काम करता था और इसीको युद्ध के लिए मिलिट्री फोर्स द्वारा मैसेज को भेजने और रिसीव करने के लिए उपयोग किया जाने लगा.
उसके बाद से अंतरजाल सिस्टम इंटरनेट पर नेटवर्क सिस्टम को धीरे-धीरे और दीक्षित बनाते हुए उसको रिसर्च करते हुए देश के अलग-अलग कंप्यूटर रिसर्च साइंटिस्ट द्वारा नेटवर्क सिस्टम को और बेहतर मजबूत बनाया गया.
जहां तक अंतरजाल की बात है तो इंटरनेट को खोजने के लिए अंतरजाल को बनाने के लिए इसको विकसित करने के लिए दुनिया के बड़े-बड़े जो भी कंप्यूटर साइंस के साइंटिस्ट है उन सभी लोगों ने मिलकर के अंतरजाल की शुरुआत की इंटरनेट को विकसित किया अंतरजाल को दुनिया में तेजी से लाने का काम किया.
इंटरनेट की खोज किसने की
जहां तक इंटरनेट की खोज की बात है तो अंतरजाल की खोज बहुत लोगों ने मिलकर किया था वैसे इसका इस्तेमाल सबसे पहले अमेरिका के रक्षा विभाग लियोनार्ड क्लेराक Leonard kleinrock’s ने सबसे पहले इंटरनेट द्वारा नेटवर्क द्वारा सूचनाओं का आदान प्रदान किया था आपस में एक कंप्यूटर के साथ अन्य कई कंप्यूटरों को जोड़ करके एक नेटवर्क सिस्टम को तैयार किया गया था.
जिससे एक कंप्यूटर की सूचना को दूसरे कंप्यूटर में भेजा जा सकता था इस तरह से नेटवर्क सिस्टम को उस समय डेवलप करने का काम शुरू किया गया और इंटरनेट को विकसित करने का काम होगा.
इंटरनेट को किसने बनाया
नेटवर्क सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए एमआईटी के साइंटिस्ट J C R Licklider और Robert Taylor ने मिलकर के सन 1962 में एक ग्लास्टिक नेटवर्क बनाने का काम शुरू किया.
वर्ष 1965 में जेसीआर जो एमआईटी के साइंटिस्ट है उन्होंने एक कंप्यूटर के साथ दूसरे कंप्यूटर तक जानकारी को भेजने के लिए एक तरीका विकसित किया जिसका नाम पैकेट स्विचिंग रखा गया था पैकेट स्विचिंग डाटा को कई भागों में छोड़ा भी जा सकता था और उसको ट्रांसफर किया जा सकता था.
वर्ष 1969 में 29 अक्टूबर को ARPANET द्वारा पहला संदेश लॉगिन के नाम से भेजा गया जो कि पूरी तरह से सफल हुआ और इस संदेश के माध्यम से डाटा ट्रांसफर हुआ.
इसी तरह से नेटवर्क सिस्टम को और मजबूत धीरे-धीरे किया गया और 1970 के दशक में नेटवर्क को और लगातार बढ़ाया गया 1971 में यूनिवर्सिटी ऑफ हवेली के Alohanet को नेटवर्क से जोड़ा गया.
और इसी तरह से बहुत सारे कंप्यूटरों को नेटवर्क से धीरे-धीरे जोड़ते हुए इसे वैश्विक स्तर पर तैयार करना शुरू हुआ वर्ष 1971 में रे टॉमलिंसन ने पहला ईमेल भेजा. उसके बाद धीरे-धीरे और भी नेटवर्क एवं इंटरनेट का इस्तेमाल दुनिया में बढ़ते चला गया.
इंटरनेट के जनक कौन थे
वर्ष 1970 में छोटे-छोटे मिनी नेटवर्क के ऊपर एक दूसरे साथ संवाद और ईमेल हेतु नेटवर्क का उपयोग किया जाने लगा जिस को विकसित करने का काम Vint Cerf ने किया था.
इन्होंने ही अपने नेटवर्क के अविष्कार को ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकोल टीसीपी नाम से विकसित किया जिसमें बाद में और भी प्रोटोकॉल को जोड़ा गया. जिसे इंटरनेट प्रोटोकॉल नाम से भी जाना जाता है वर्तमान समय में जिस इंटरनेट का हम लोग उपयोग करते हैं उसको टीसीपी आईपी प्रोटोकोल मॉडल का ही इस्तेमाल करते हैं.
वर्ष 1974 में Vint Cerf और Robert E. Kahn द्वारा एक समाचार को प्रकाशित किया गया जिसमें उन्होंने इंटरनेट के जनक व पिता के नाम से जाना गया और इजी पेपर प्रकाशन के आधार पर इंटरनेट के जनक एवं पिता Vint Cerf को कहा जाता है.
इंटरनेट कब शुरू हुआ था
Internet पर जहां तक रिसर्च एवं काम करने की प्रक्रिया थी वह बहुत पहले ही शुरू हो गया था. लेकिन इंटरनेट की शुरुआत टीसीपी आईपी प्रोटोकोल के तहत वर्ष 1983 में हुआ था इसी वर्ष 1 जनवरी को ARPANET में tcp-ip को प्रणाली को पाया था जिसके बाद इस पर और भी अनुसंधान रिसर्च किया गया और इसको एक नेटवर्क्स का नाम दिया गया था जिसको हम लोग इंटरनेट कहते हैं.
इंटरनेट की विशेषता
जहां तक इंटरनेट की विशेषता की बात है तो अंतरजाल की विशेषता इतना ज्यादा है कि इसको शब्दों में डिफाइन करना आसान नहीं है यदि इसकी विशेषता बताया जाए तो एक बहुत बड़ा लेख तैयार हो सकता है जिसको पढ़ना भी आसान नहीं होगा वैसे आइए कुछ इंटरनेट का जो प्रमुख विशेषता है उसके बारे में जानते हैं.
1. World Wide Web
वर्ल्ड वाइड वेब इंटरनेट का प्रथम जो विशेषता है यह पूरे दुनिया के साथ नेटवर्क सिस्टम को संचालित करता है जिसके लिए वर्ल्ड वाइड वेब अंतरजाल का एक भाग होता है जो डाटा को एक जगह से दूसरी जगह से ट्रांसफर करने के लिए एलाऊ करता है जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति कहीं से भी किसी भी तरह का डाटा को एक्सेस कर पाता है.
2. Information
इंटरनेट की एक प्रमुख विशेषता है कि दुनिया से किसी भी जगह किसी भी कोने का कोई भी सूचना हो आप दुनिया में किसी भी स्थान से किसी भी जगह से उसको प्राप्त कर सकते हैं पढ़ सकते हैं.
3. Email
इंटरनेट नेटवर्क का हीं यह विशेषता है कि आज बहुत ही कम समय में सेकंडों में कहीं से भी कोई भी सूचना जैसे कि पत्र लेटर या अन्य कोई इंफॉर्मेशन को एक जगह से दूसरे जगह भेजा जा रहा है अंतरजाल का इतना ज्यादा महत्व है कि आज हर जगह सूचनाओं को ईमेल को भेजने के लिए इंटरनेट का ही सबसे अहम योगदान है.
इंटरनेट कैसे काम करता है
जब किसी कंप्यूटर या किसी भी लैपटॉप मोबाइल में नेटवर्क कनेक्टिविटी को जोड़ा जाता है. तब उसमें इंटरनेट काम करना शुरू करता है इंटरनेट कनेक्शन के लिए ब्रॉडबैंड या अन्य यूएसपी सिस्टम द्वारा नेटवर्क को कंप्यूटर लैपटॉप में कनेक्ट किया जाता है
उसके बाद वह कंप्यूटर इंटरनेट पर एक दूसरे के साथ बातचीत करना शुरू करते हैं इसके लिए टीसीपी आईपी सिस्टम अनुसार जो भी उनका बेसिक प्रोटोकॉल होता है उसके तहत इंटरनेट काम करता है
इंटरनेट द्वारा जितने भी डाटा ट्रांसफर किए जाते हैं सर्च किए जाते हैं उसके लिए ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकोल इंटरनेट प्रोटोकॉल के तहत वे सभी मैनेज एवं व्यवस्थित किए जाते हैं इसके लिए जो भी डाटा या फाइल होता है
उसको छोटे-छोटे भागों में ब्रेक कर दिया जाता है और जिस यूजर और जिस कंप्यूटर के पास जिस सूचनाओं की आवश्यकता होती है वहां उसको भेजा जाता है.
ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकोल TCP का काम डाटा को छोटे-छोटे भागों में पैकेज के रूप में ब्रेक करना होता है जिसे इंटरनेट में ट्रांसमिट्स किया जाता है और उसे बाद में रिअसेंबल भी किया जाता है वह जो छोटे-छोटे पैकेट होते हैं उसको सभी एक ओरिजिनल संदेश प्राप्त किया जाता है.
इंटरनेट का उपयोग
वैसे आजकल इंटरनेट का उपयोग की बात की जाए तो इसका उपयोग हर एक काम में किया जा रहा है। फिर भी आइए कुछ प्रमुख उपयोग जानते हैं.
1. Email
इसका उपयोग सबसे ज्यादा ईमेल के लिए किया जाता है क्योंकि आजकल किसी भी संदेश को एक जगह से दूसरे जगह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति पास भेजने के लिए ईमेल का उपयोग किया जाता है दुनिया में करीब 20 मिलियन से ज्यादा लोग एक दूसरे के साथ ईमेल का आदान प्रदान करते हैं.
2. News
आजकल तो समाचार पढ़ने, भेजने, देखने के लिए नेट का उपयोग किया जा रहा है। क्योंकि पल-पल का रिपोर्ट अंतरजाल द्वारा लोग अपने स्मार्टफोन पर प्राप्त कर रहे हैं सूचनाओं को आदान प्रदान करने के लिए इसका उपयोग बहुत ही ज्यादा हो रहा है.
3. Study
पढ़ाई में भी इंटरनेट का बहुत ही प्रमुख भूमिका है क्योंकि पढ़ाई भरी पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आश्रित हो गया है जब से कोरोना का आगमन हुआ है उसके बाद से सारे लोग अपने कामों को अपने पढ़ाई को घर से ही कर रहे हैं.
4. Research
आज नए नए अनुसंधान,रिसर्च किए जा रहे हैं यह सब कुछ अंतरजाल के आधार पर ही हो रहा है और नेट का इसमें प्रमुख भूमिका है.
5. Job
अंतरजाल के कारण आज लोग अपने घर से काम कर रहे हैं बहुत से लोग अपना नौकरी छोड़ कर इसका उपयोग करके घर बैठकर ऑनलाइन इंटरनेट से पैसा भी कमा रहे हैं तो यह सब कुछ नेट का ही कमाल है जिससे घर से कमाई करना भी आसान हो गया.
6. Shopping
आज किसी भी तरह का कोई सामान खरीदना इतना आसान हो गया कि अपने घर बैठे ही आप ऑनलाइन किसी भी सामान का ऑर्डर कर देंगे और वह सामान घर पर आसानी से उपलब्ध हो जाएगा.
7. Game
आजकल ऑनलाइन गेम का भी बहुत ज्यादा प्रचलन हो गया है और बहुत से लोग ऑनलाइन गेम भी अंतरजाल से खेल रहे हैं वैसे ऑनलाइन गेम खेलना ज्यादा नुकसानदायक होगा फिर भी यह सब कुछ संभव नेट से ही हुआ.
8. Group discussion
आजकल अपने घर पर लोग बैठे रहते हैं और वहीं से नेट द्वारा किसी भी सेमिनार या कोई भी डिस्कशन हो जहां पर 1 से अधिक लोगों को जोड़ना होता है उसके लिए नेट का उपयोग करके आसानी से लोग ग्रुप डिस्कशन भी ऑनलाइन अटेंड कर रहे हैं.
इंटरनेट का प्रकार
1. Dial-up connection
डायल अप कनेक्शन इंटरनेट का एक बेसिक कनेक्शन होगा. जिसके माध्यम से अंतरजाल कनेक्शन को टेलीफोन लाइन द्वारा एक से अधिक लोगों के लिए तैयार किया जाता है. जिसके माध्यम से किसी भी पीसी लैपटॉप कंप्यूटर में इंटरनेट को चलाया जा सकेगा सेट किया जा सकता है.
डायल अप कनेक्शन एक Simple कनेक्शन होता हैं अंतरजाल का जो स्पीड होता हैं वह थोड़ा स्लो होता है लेकिन इसको फोन नंबर द्वारा कंप्यूटर में डायल कर इंटरनेट चलाया जा सकेगा.
2. DSL connection
डी एस एल का फुल फॉर्म डिजिटल सब्सक्राइबर लाइन होता है यह भी एक प्रकार का इंटरनेट को कनेक्ट करने के लिए कंप्यूटर में उपयोग किया जाता है इस तरह का जो कनेक्शन होगा वह एक तार वाला कनेक्शन होगा.
जिसके तहत डाटा को टेलीफोन लाइंस की मदद से कंप्यूटर में ट्रांसफर किया जाएगा. लेकिन इसमें नेट को कनेक्ट करने के लिए किसी नंबर को डायल करने की आवश्यकता नहीं होती
3. Cable Connection
केबल कनेक्शन इस तरह का जो अंतरजाल लेकर आने वाले जो कनेक्शन होते हैं वह केबल द्वारा इंटरनेट कनेक्शन मुहैया कराया जाता है जैसे टीवी में किसी भी तरह का डिस चलाने के लिए जो केबल कनेक्शन लिया जाता है
ठीक उसी प्रकार अपने कंप्यूटर में अंतरजाल को चलाने के लिए केबल कनेक्शन लिया जाता है और उससे आप अपने कंप्यूटर में इंटरनेट को चला सकते हैं इसका यह स्पीड थोड़ा फास्ट और बेहतर होता हैं.
4. Wireless Connection
वायरलेस कनेक्शन को वाईफाई नाम से भी जानते हैं यह एक तरह का वैसा कनेक्शन होता है. जिसमें किसी तरह का कोई केबल का इस्तेमाल किया जाता है कंप्यूटर में नेट को चलाने के लिए वायरलेस सिस्टम जहां पर वायरलेस का जो रेंज होता हैं.
उसके साथ आपके कंप्यूटर में नेटवर्क दिखाई देता है और उससे आप अपने कंप्यूटर में इंटरनेट को एक्सेस करते हैं. वायरलेस कनेक्शन की एसपी ट्रेंस 5 मेगाबाइट 4 सेकंड से लेकर 20 मेगाबाइट्स पर सेकंड तक का होता हैं.
इंटरानेट क्या हैं
Intranet एक प्रकार का नेटवर्क सिस्टम होता है इसका इस्तेमाल अक्सर छोटे-छोटे जो इंटरप्राइज होंंगे उनके द्वारा किया जाता है. यह प्राइवेट नेटवर्क होता है जिसमें लोकल एरिया का जितना भी नेटवर्क होगा वह सभी एक दूसरे साथ इंटरलिंक रहते हैं.
इंटरानेट का काम किसी भी कंपनी का सूचना और जो उसका रिसोर्सेस हैं जैसे कि जितने भी लोग उसमें इंप्लाइज काम करते हैं उनके बीच सूचनाओं को साझा करना. इंटरानेट का उपयोग जो लोग काम करते हैं उन ग्रुप्स के बीच में एक कॉन्फ्रेंस एक सूचनाओं को आदान-प्रदान के लिए उपयोग किया जाता है.
Intranet का उपयोग छोटे-छोटे जो इंटरप्राइजेज होते हैं उसके द्वारा इस्तेमाल किया जाता है जिसके तार टीसीपी आईपी एचटीटीपी इंटरानेट प्रोटोकोल एक प्रकार का प्राइवेट इंटरनेट के रूप में काम करता हैं.
इंटरानेट का मतलब
Intranet इंटरनेट का एक अंग होता है जो कि किसी कंपनी का किसी व्यक्ति का प्राइवेट ऑर्गेनाइजेशन के तहत काम करता है जिसके तहत एक कंपनी के एक ऑर्गेनाइजेशन में जितने भी कंप्यूटर होते हैं
वह सभी एक दूसरे साथ इंटरानेट कनेक्शन के तहत जोड़ दिए जाते हैं और एक कंपनी, ऑर्गनाइजेशन के अंदर जितने भी डाटा ट्रांसफर से संबंधित काम होते हैं वह सभी काम इसी इंटरनेट के तहत इंटरानेट नेटवर्क के भीतर काम करता हैं.
इंटरानेट और इंटरनेट में अंतर
इंटरनेट | इंटरानेट |
एक ग्लोबल पब्लिक नेटवर्क के तहत काम करता है | इंटरानेट प्राइवेट ऑर्गनाइजेशन के लिए काम करता हैं |
इसको चलाने के लिए किसी भी तरह का कोई रिस्ट्रिक्शन नहीं होता हैं | इंटरानेट को उपयोग करने के लिए यूजर पासवर्ड की जरूरत होती हैं |
सामान्य रूप से कोई भी उपयोग कर सकता है | Intranet को केवल एक संस्था ऑर्गनाइजेशन द्वारा ही उपयोग किया जाता है |
एक से अधिक कंप्यूटर्स का नेटवर्क से जुड़ा हुआ रहता हैं | इंटरानेट में केवल एक संस्थान का जितना कंप्यूटर होता हैं वह सभी आपस में नेटवर्क जुड़े हुए रहते हैं |
सुरक्षा यूजर द्वारा उपयोग किए जाने वाली डिवाइस पर निर्भर करता है | इंटरानेट की सुरक्षा उसके फेयरवेल पर निर्भर होता है. |
इस की गति उसके टेक्नोलॉजी पर निर्भर करता हैं | Intranet की गति उसके द्वारा उपयोग किए जा रहे हैं कंप्यूटर एवं डाटा पर निर्भर करता हैं |
FAQ
इंटरनेट पर पहली वेबसाइट कौन थी?
Http://info.cern.ch/hypertext/www/Theproject.html
इंटरनेट का मालिक कौन हैं?
जहां तक इसके मालिक की बात है तो अंतरजाल का कोई एक व्यक्ति मालिक नहीं होता हैं यह पूरी तरह से एक नेटवर्क सिस्टम के तहत काम करता है जिसको हम लोग टीसीपी आईपी प्रोटोकोल के नाम से जानते हैं.
भारत में इंटरनेट कब शुरू हुआ?
14 अगस्त 1995 में भारत में आम लोगों के लिए इंटरनेट सर्विस को शुरू किया गया. उस समय नेटवर्क सिस्टम को विदेश संचार निगम लिमिटेड बी एस एन एल द्वारा नेटवर्क सिस्टम को शुरू किया गया.
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सारांश
आशा करता हूं कि इंटरनेट की दी गई जानकारी आप लोगों को जरूर अच्छा लगा होगा. Internet Basics.
मेरा नाम रवि शंकर तिवारी है और मैं एक MBA (IT) Professional हॅू। जो पिछले 5 वर्षो से एक लेखक और डिजिटल मार्केटर के रूप में काम कर रहा हूँ। टेक्निकल बैकग्राउंड होने के कारण टेक्नोलॉजी, कंप्यूटर, ऑनलाइन कमाई, से संबंधित जानकारियों को शेयर करना मेरा पैशन हैं।