ऑटोमेटेड ई-चालान सिस्टम क्या है 

ऑटोमेटेड चालान सिस्टम क्या है, आजकल बिहार में यह एक बहुत ही चर्चित विषय हो गया है. जिसमें गाड़ियों का ऑटोमेटिक चालान कट जा रहा हैं. जो भी व्यक्ति ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते हैं. उनके गाड़ियों का चालान काट दिया जाता है. 18 अगस्त से 25 अगस्त के बीच कई गाड़ियों का चालान काटा गया. जिसमें लगभग 900 से भी ज्यादा वाहन शामिल है. इन वाहनों के चालान से लगभग 9 करोड़ से भी अधिक की राशि वसूली गई हैं. 

इसलिए अब बिहार में वाहन मालिकों को सावधान हो जाना चाहिए. जिससे उन्‍हें अपने हर तरह के व्हीकल का सभी दस्तावेज अपडेट करके रखना होगा. जिससे उन्हें ड्राइविंग करते समय किसी तरह का चालना न भरना पड़े. आज सभी के लिए यह बहुत ही पॉपुलर न्यूज़ हो गया है. जिसकी जानकारी हम अपने इस लेख में देंगे. जिसमें ऑटोमेटेड चालान क्यों काटा जाता है. इससे क्या फायदा होगा और कैसे होता है. 

ऑटोमेटेड चालान सिस्टम क्या हैं 

यह एक तरह का सॉफ्टवेयर हैं. जिसके द्वारा नजर रखकर ट्रैफिक नियम का जो पालन नहीं करते. उनके ऊपर जुर्माना लगाया जाता है. जिसे ई डिटेक्शन सिस्टम कहा जाता हैं. यह एक कमरे पर आधारित नियम लगाया गया है. आजकल सभी टोल प्लाजा पर ई डिटेक्शन सिस्टम द्वारा सभी वाहनों पर नजर रखा जा रहा है. जिसमें अगर कोई वाहन मालिक ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हुए पकड़ा जाए, तो उसे जुर्माना देना पड़ेगा. इस सिस्टम को 18 अगस्त से बिहार के सभी टोल प्लाजा पर शुरू किया गया है. 

automated challan system - ऑटोमेटेड चालान सिस्टम

अभी तक लगभग 9 से भी अधिक टोल प्लाजा पर इस सिस्टम को लागू कर दिया गया हैं. इसमें एक सॉफ्टवेयर द्वारा विश्लेषण किया जाता है. जिसमें जो भी वहां टोल प्लाजा से गुजरते हैं. उनपर कैमरा से वीडियो रिकॉर्डिंग हो जाता हैं. फिर उस वीडियो फुटेज को सॉफ्टवेयर के माध्यम से देखा जाता है. जिसमें गाड़ियों के बारे में जानकारी हो जाता है. अगर किसी गाड़ी का दस्तावेज अपडेट नहीं हैं, तो उनपर ऑनलाइन भुगतान लगा दिया जाता है. जैसे कि किसी गाड़ी में पॉल्यूशन, इंश्योरेंस, फिटनेस, ड्राइवरी लाइसेंस, गाड़ी ओवरलोड, ओवरस्पीड, रेड लाइट क्रॉस, बिना हेलमेट का चलाना हैं. फोर व्हीलर गाड़ी में सिट्रिग से अधिक व्यक्तियों का बैठना, यह नियम उल्लंघन करने पर ही ऑटोमेटेड चालान काटा जाता है.

ऑटोमेटेड चालान कैसे काटा जाता हैं 

यह मुख्य रूप से ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन सुरक्षा और अपराध की रोकथाम करने के लिए ही शुरू किया गया है. जिससे रोड पर होने वाले कई तरह के दुर्घटना से बचा जा सकेगा. बिहार के सभी टोल प्लाजा पर एक ऐसा सुरक्षा कैमरा लगाया गया है. जिसको सॉफ्टवेयर द्वारा कनेक्ट किया गया है. इसीलिए टोल प्लाजा से गुजरने वाले फोर व्हीलर, टू व्हीलर या किसी भी तरह के व्हीकल का वीडियो कैप्चर हो जाता हैं. फिर उस गाड़ी का फिटनेस कागज या सभी दस्तावेज अपडेट है कि नहीं आसानी से पता कर लिया जाता है. अगर किसी गाड़ी में दस्तावेज अपडेट नहीं है. 

उसपर इलेक्ट्रॉनिक डिटेक्शन सिस्टम और ट्रैफिक सर्विलांस कैमरे पर आधारित नियम द्वारा जुर्माना लगाया जाता है. यह जुर्माना वाहन मालिक को रजिस्ट्रेड मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी पर ऑनलाइन दिया जाता है. साथ ही इसमें राशि भुगतान करने के लिए एक लिंक भी उपलब्ध कराया जाता हैं. जिससे आसानी से आप अपना जुर्माना भर सकेंगे. जुर्माना का इनफाॅर्मेशन मिलने के बाद भी अगर समय से पेमेंट नहीं करते हैं, तो उसपर और भी अधिक राशि भुगतान करना पड़ेगा.

ऑटोमेटेड चालान क्यों कटता हैं 

यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न है कि यह चालान क्यों कटता है. क्योंकि वाहन मलिक को पता भी नहीं रहता है और उनके मोबाइल पर ईमेल या मैसेज द्वारा इनफॉरमेशन मिल जाता है कि उनका चालान कट गया. इसके पीछे ट्रैफिक नियमों का पालन सही तरीके से नहीं करना हैं. केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा जो भी ट्रैफिक नियम बनाया गया है. उसको अगर सही तरीके से फॉलो नहीं करते हैं, तो आपको ऑटोमेटेड चालान मिल सकता है. जिसमें कई तरह के नियम बनाए गए हैं. 

1. रेड लाइट क्रॉस करना 

अगर आप रोड पर कहीं जा रहे हैं. उस समय ट्रैफिक सिग्नल पर रेड लाइट दिख रहा है. उस समय आपको वहीं पर रुक जाना हैं. वहीं अगर आप रेड लाइट क्रॉस करके आगे चले जाएंगे. तब आप पर ऑनलाइन चालान कट जाएगा. 

2. गाड़ी पर बैठने का नियम 

टू व्हीलर हो या फोर व्हीलर पर बैठने का भी ट्रैफिक द्वारा सिस्टम बनाया गया हैं. टू व्हीलर गाड़ी पर अगर जाते हैं, तो बिना हेलमेट और बिना जूता के घर से बाहर नहीं निकले. नहीं तो आप पर जुर्माना लग जाएगा. उसपर दो व्यक्ति से अधिक लोग बैठेंगे तब भी भुगतान करना होगा. फोर व्हीलर गाड़ी में बिना सीट बेल्ट पहने जाना मना हैं. साथ ही जितने व्यक्तियों का सिट्रिग बनाया गया हैं. उतने ही व्यक्ति गाड़ी में बैठने चाहिए. नहीं तो इस पर भी आपके ऊपर रूल्स फॉलो नहीं करने का आरोप लगेगा. 

3. गाड़ी का दस्तावेज 

जब भी आप कोई गाड़ी खरीदेंगे तो उसमें सभी दस्तावेज आपके नाम पर बनाया जाएगा. जिसमें रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, इंश्योरेंस, पॉल्यूशन और फिटनेस कागज होगा. अगर आपके पास यह सभी कागज नहीं होगा या अपडेट नहीं होगा, तो भी आप ट्रैफिक नियम का उल्लंघन कर रहे हैं. जिससे आपके ऊपर ई चालान कट जाएगा. 

4. ट्रैफिक पुलिस से बदतमीजी 

अगर आप रोड पर जाएं. उस समय ट्रैफिक नियमों का पालन करना सभी को सिखाते हैं. ऐसे समय में आप ट्रैफिक पुलिस से भ्रष्टाचार करेंगे. तब भी आपके ऊपर राशि भुगतान का जुर्माना लगाया जाएगा.

5. ओवर लोडिंग

अपनी गाड़ी में ओवरलोडिंग कररेंगे. तब भी जुर्माना देना पड़ेगा. जैसे कि वहां 6 लोगों के बैठने की जगह हैं और वहां 8 लोग बैठे होंगे तो ट्रैफिक रूल्‍स के खिलाफ होगा. इस सिस्टम द्वारा हाल ही में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के गाड़ी का भी ऑनलाइन चालान काट दिया गया. क्योंकि उनके गाड़ी में ओवरलोडिंग किया गया था. इसीलिए परिवहन विभाग द्वारा शुरू किया गया ई डिटेक्शन सिस्टम द्वारा चिराग पासवान के ट्रैफिक नियम उल्लंघन का वीडियो कैप्चर कर लिया गया. जिसका इनफॉरमेशन उनके रजिस्टर मोबाइल नंबर पर चला गया.

बिहार में ई ऑटोमेटेड चालान सिस्टम क्यों लाया गया 

बिहार या अन्य राज्यों में ई चलान सिस्टम लाना बहुत ही आवश्यक हैं. क्योंकि अक्सर लोग रोड पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हमेशा दिख जाएंगे. जिससे सड़क दुर्घटना होने का डर लगा रहता हैं. इससे लोगों के अंदर एक भय पैदा होगा कि हमें ट्रैफिक नियम उल्लंघन करने पर पैसे देना पड़ेगा. इसलिए वह इस नियम का पालन करेंगे. जिससे दुर्घटना की संभावना कम हो जाएगी. क्योंकि उन्हें बिना किसी तरह की चेतावनी दिए ही उनका चालान काट दिया जाएगा.

लोग अपने आप को सुरक्षित करके ही घर से निकलेंगे. जैसे टू व्हीलर पर हेलमेट और जूता पहन कर, फोर व्हीलर पर सीट बेल्ट लगाकर रोड पर यात्रा करेंगे. ट्रक या बड़े गाड़ियों पर ओवरलोडिंग नहीं करेंगे. जिससे एक्सीडेंट होने का खतरा बहुत कम हो जाएगा. ट्रैफिक पुलिस जो लोगों की सुरक्षा के लिए हमेशा सड़क पर तैनात रहते हैं. उन्हें भी इस कार्य से कुछ भार कम होगा. जिससे वह अन्य दूसरे जरूरी कामों पर अधिक ध्यान दे पाएंगे. इस सिस्टम से राज्य में स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम भी शुरू किया जा सकेगा.

ई-चालान में मिले राशि का क्या किया जाता हैं

इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम में जो लोगों से जुर्माना वसूला जाता है. उस राशि का उपयोग सड़क सुरक्षा के लिए किया जाता हैं. जो की सरकार के राजस्व विभाग में जमा हो जाता है. जिसको सड़क सुरक्षा अभियान ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम और अन्य कई जरूरी कामों में इन्वेस्ट किया जाता हैं.

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